गर्भवती महिला की जान बचाने वाली डॉक्टरों की टीम को पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह करेंगे सम्मानित !

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सागर जिले के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) के चिकित्सकों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि जब चिकित्सकीय दक्षता, सेवा भावना और मानवीय संवेदना एक साथ मिलती हैं, तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। बीएमसी के प्रसूति विभाग में गंभीर स्थिति में भर्ती कराई गई एक गर्भवती महिला की सफल सर्जरी कर उसकी जान बचाने वाले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सराहना करते हुए पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने आज उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है।

पूर्व गृहमंत्री श्री सिंह ने इस संपूर्ण प्रयास को “सेवा, समर्पण और संजीवनी का संगम” बताया और कहा कि इस अद्भुत कार्य ने न केवल एक महिला की जान बचाई, बल्कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पर जनता का विश्वास और भी गहरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह घटना मेडिकल संस्थानों में कार्यरत सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है।

महिला को मृतप्राय स्थिति में लाया गया था बीएमसी

यह घटना राहतगढ़ की शिफा कुरैशी पत्नी हसीन कुरैशी की है, जिन्हें अत्यंत गंभीर अवस्था में बीएमसी लाया गया था। महिला का शरीर लगभग मृत अवस्था में था। उनके सभी चिकित्सकीय पैरामीटर — जैसे पल्स, ब्लड प्रेशर, और श्वसन — शून्य के करीब थे। पेट में मृत भ्रूण मौजूद था, और महिला को मिर्गी जैसे तेज़ दौरे आ रहे थे। ऐसी स्थिति में जहां जीवन की उम्मीद क्षीण हो चुकी थी, बीएमसी की स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग की टीम ने गहन सूझबूझ, त्वरित निर्णय और उत्कृष्ट चिकित्सकीय विशेषज्ञता का परिचय देते हुए वेंटीलेटर पर ही सफल ऑपरेशन कर महिला की जान बचा ली।

डॉक्टरों ने महिला को कृत्रिम श्वास (CPR) दिया, जीवन रक्षक दवाएं दीं और ब्लड प्रेशर नियंत्रित किया। इन सभी उपायों के बीच, बिना समय गंवाए ऑपरेशन कर मृत भ्रूण को निकालकर महिला को नया जीवन दे दिया गया। यह कार्य अत्यंत जटिल था और उच्च स्तरीय मेडिकल समन्वय की मांग करता था।

डॉक्टरों को बताया ईश्वर तुल्य

पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे समाज में डॉक्टरों को “ईश्वर तुल्य” माना गया है। बीएमसी के चिकित्सकों ने जो कार्य किया है, वह इसी विश्वास की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जीवन रक्षक प्रयास मेडिकल एथिक्स, सेवा भावना और मानवीय मूल्यों की मिसाल हैं।

उन्होंने कहा, “बीएमसी जैसे संस्थान की स्थापना जिस उद्देश्य से भाजपा सरकार द्वारा की गई थी, वह अब पूरी होती दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा बीएमसी में जो उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, उनसे आज गरीबों में सरकारी अस्पतालों के प्रति भरोसा बढ़ा है।”

समाज का भी है दायित्व

पूर्व मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ द्वारा किए गए ऐसे उत्कृष्ट कार्यों को सराहना और प्रोत्साहन मिलना बेहद आवश्यक है। समाज और जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व है कि वे चिकित्सा कर्मियों के परिश्रम और सेवा को मान्यता दें और उन्हें सम्मानित करें।

“डॉक्टरों की टीम ने जिस संवेदनशीलता और दक्षता के साथ इस महिला की जान बचाई, वह अनुकरणीय है। मैं स्वयं 8 अगस्त को बीएमसी पहुंचकर समस्त टीम को सम्मानित करूंगा। यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि समस्त चिकित्सा जगत का सम्मान होगा,” श्री सिंह ने कहा।

बीएमसी को बनाया जाएगा और अधिक सक्षम

भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार का लगातार प्रयास है कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को एक दक्ष, मानवीय और आधुनिक चिकित्सा संस्थान के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे सकारात्मक घटनाक्रम इस दिशा में बढ़ते कदमों को प्रमाणित करते हैं।

उन्होंने अंत में कहा, “हम सब मिलकर बीएमसी को सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि एक ऐसा संस्थान बनाएंगे जहाँ जीवन को सर्वोपरि माना जाए और हर मरीज को समय पर सही उपचार और संवेदनशील सेवा मिले। डॉक्टरों की यह टीम इस बदलाव की पहचान बनेगी।”

इस प्रेरणादायक घटना ने न केवल एक महिला को नया जीवन दिया, बल्कि मेडिकल क्षेत्र में सेवा के असली अर्थ को भी उजागर किया है। बीएमसी की इस टीम का यह प्रयास सागर और समूचे बुंदेलखंड के लिए गर्व की बात है।

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