फर्जी अश्लील वीडियो वायरल कर स्कूल संचालक की छवि धूमिल करने की साजिश !

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रहली (सागर), 3 जुलाई 2025
रहली क्षेत्र में एक शर्मनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक निजी स्कूल संचालक को बदनाम करने की नीयत से उनके चेहरे को अश्लील वीडियो में एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। पीड़ित संचालक द्वारा रहली थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और साइबर सेल की मदद से आरोपियों की पहचान में जुट गई है।

पेरेंट्स के फोन कॉल से हुआ खुलासा

स्कूल संचालक ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले शाम करीब 6:30 बजे उन्हें एक पेरेंट्स का फोन आया, जिन्होंने घबराते हुए बताया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से एक आपत्तिजनक वीडियो भेजा गया है। वीडियो में दावा किया गया था कि वह संचालक और स्कूल के बच्चों से जुड़ा है।

एडिटिंग कर लगाया गया चेहरा

जब संचालक ने खुद उस वीडियो को देखा, तो वे हैरान रह गए। वीडियो में एक अन्य व्यक्ति के नग्न दृश्य थे, जिसमें एडिटिंग कर संचालक का चेहरा लगा दिया गया था। यह वीडियो न केवल स्कूल के अभिभावकों को बल्कि कई अन्य परिचितों और संपर्कों को भी भेजा गया।

मानसिक प्रताड़ना और प्रतिष्ठा को नुकसान

पीड़ित संचालक ने बताया कि इस झूठे और फर्जी वीडियो के कारण उन्हें और उनके स्कूल की साख को गंभीर क्षति पहुंची है। वे मानसिक रूप से काफी परेशान हैं और लगातार मिलने वाले कॉल और मैसेज से उनकी व्यक्तिगत और सामाजिक छवि को गहरा आघात लगा है।

साइबर सेल जांच में जुटी

रहली पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित धाराओं में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही सागर जिले की साइबर सेल को जांच सौंपी गई है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह वीडियो किसने बनाया, एडिट किया और किन-किन नंबरों पर भेजा गया।

निजता के खिलाफ अपराध, सख्त कार्रवाई की संभावना

पुलिस सूत्रों के अनुसार यह साइबर अपराध आईटी एक्ट और आईपीसी की कई धाराओं के अंतर्गत आता है, जिसमें दोषियों को सख्त सजा हो सकती है। इस प्रकार की एडिटिंग के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग हुआ है या नहीं, यह भी जांच का विषय है।

समाज में चिंता, स्कूल प्रशासन में रोष

घटना के बाद स्थानीय समाज में चिंता का माहौल है। रहली क्षेत्र में यह पहला मामला है जिसमें किसी शिक्षण संस्था से जुड़े व्यक्ति को इस तरह टारगेट किया गया है। स्कूल प्रशासन ने इस कृत्य की निंदा करते हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।


संभावित कानूनी धाराएं:

  • आईटी एक्ट की धारा 66C (फर्जी पहचान बनाना)
  • धारा 66E (निजता का उल्लंघन)
  • आईपीसी की धारा 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने हेतु जालसाजी)
  • धारा 500 (मानहानि)

 

 

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