शिलांग/इंदौर, 4 जून 2024: मेघालय में इंदौर के हनीमूनर राजा रघुवंशी (32) की रहस्यमय मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। पूर्वी खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में राजा की हत्या पेड़ काटने के धारदार हथियार से की गई है। हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। वहीं, राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी (28) अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ की टीम ऑपरेशन चला रही है।

11 दिन बाद मिला शव, परिवार ने लगाए गंभीर आरोप
राजा और सोनम 23 मई को शिलांग के नोंग्रियाट गांव से लापता हुए थे। 11 दिन बाद, 3 जून को राजा का शव एक गहरी खाई में मिला, जबकि उनकी एक्टिवा स्कूटी करीब 25 किमी दूर मावक्मा गांव में पाई गई। परिवार ने आरोप लगाया कि मेघालय पुलिस और सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा, “राजा का पर्स, ज्वैलरी और सामान गायब है। शव खाई में कैसे पहुंचा? वहां 5 फीट की दीवार है, आत्महत्या संभव नहीं।”
गाइड के साथ थे राजा-सोनम, आखिरी बातचीत में क्या हुआ?
राजा और सोनम ने शिलांग के डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज घूमने के लिए एक स्थानीय गाइड की मदद ली थी। परिवार के अनुसार, आखिरी बार 23 मई को दोपहर 1:43 बजे राजा ने फोन पर बताया था कि वे एक कैफे में केले खा रहे हैं और जल्द लौटेंगे। इसके बाद दोनों का फोन बंद हो गया।

हनीमून ट्रिप का पूरा सफर
- 11 मई: इंदौर में राजा-सोनम की शादी हुई।
- 20 मई: दंपति हनीमून पर बेंगलुरु, गुवाहाटी (कामाख्या मंदिर) होते हुए शिलांग पहुंचे।
- 23 मई: शिलांग के नोंग्रियाट होटल से निकलने के बाद लापता हुए।
- 3 जून: राजा का शव खाई में मिला, सोनम का कोई सुराग नहीं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
- राजा के परिवार ने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा से हस्तक्षेप की मांग की है।
- मध्य प्रदेश सरकार ने मामले में दखल देते हुए मेघालय प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
- सोशल मीडिया पर #JusticeForRajaSonal ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

आगे की कार्रवाई
- राजा का शव बुधवार या गुरुवार को इंदौर लाया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।
- पुलिस स्कूटी के जीपीएस डेटा और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
- सोनम की तलाश जारी है, जबकि हत्याकांड के पीछे की वजह (लूट, स्थानीय झगड़ा या अन्य) अभी स्पष्ट नहीं है।
यह मामला पर्यटन सुरक्षा और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है। सीबीआई जांच के दबाव के बीच, मेघालय पुलिस को जल्द पर्दाफाश करना होगा कि क्या यह डकैती, साजिश या सामूहिक हिंसा का मामला है?