रीवा में हेडमास्टर को प्रिंसिपल द्वारा डंडे से पीटने का मामला: विवाद और प्रशासनिक प्रतिक्रिया !

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घटना का सारांश: रीवा जिले के जवा ब्लॉक स्थित सितलहा हाई स्कूल में संकुल प्राचार्य हीरामणि त्रिपाठी द्वारा आदिवासी प्रधानाचार्य मुन्ना लाल कोल को शराब के नशे में पीटने का मामला प्रकाश में आया है। मंगलवार को हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें संकुल प्राचार्य 10 मिनट तक प्रधानाचार्य को डंडे से पिटते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि पूरे जिले में विवाद खड़ा कर दिया है, और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच चिंता का कारण बन गया है।

घटना का कारण और घटनाक्रम: जानकारी के अनुसार, प्रधानाचार्य मुन्ना लाल कोल शराब के नशे में स्कूल पहुंचे थे। साथी शिक्षकों ने इस विषय में संकुल प्राचार्य हीरामणि त्रिपाठी से शिकायत की। त्रिपाठी, जो पहले भी प्रधानाचार्य की शराब पीने की आदत से परिचित थे, मामले की जांच के लिए सितलहा स्कूल पहुंचे। जब उन्होंने प्रधानाचार्य को शराब के नशे में पाया, तो वे गुस्से में आ गए और गाली-गलौज करते हुए उनके साथ बदसलूकी की।

वीडियो की वायरल होने से उपजा विवाद: संकुल प्राचार्य ने पहले प्रधानाचार्य मुन्ना लाल कोल का वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें वे नशे में धुत दिखाई दे रहे थे। इसे प्रमाण के तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया। इसके बाद संकुल प्राचार्य ने प्रधानाचार्य को डंडे से पीटना शुरू कर दिया। संकुल प्राचार्य ने विशेष रूप से प्रधानाचार्य की पिटाई के लिए एक मजबूत डंडा मंगवाया था। इस घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया, और अधिकारियों को इस गंभीर मामले का जवाब देना मुश्किल हो गया।

प्रतिक्रियाएँ और बयान:

  1. संकुल प्राचार्य का पक्ष: संकुल प्राचार्य हीरामणि त्रिपाठी का कहना है कि प्रधानाचार्य मुन्ना लाल कोल शराब के नशे में स्कूल पहुंचे थे और उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था। त्रिपाठी के अनुसार, उन्होंने प्रधानाचार्य के साथ सख्ती दिखाई और अपनी कार्रवाई को उचित बताया। उनका दावा है कि उन्होंने जांच के दौरान प्राथमिकता पर सख्त कदम उठाया।
  2. प्रधानाचार्य का आरोप: प्रधानाचार्य मुन्ना लाल कोल ने अपनी सफाई में कहा कि उनके साथ लाठी-डंडे से मारपीट की गई, और जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया। उनका कहना है कि उन्होंने मारपीट के दौरान कोई अभद्रता नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि संकुल प्राचार्य उनके साथ मारपीट करने के उद्देश्य से ही स्कूल आए थे, और उन्होंने उन्हें न्याय दिलाने की अपील की।

प्रशासनिक कदम: इस घटना के सामने आने के बाद, रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले का संज्ञान लिया और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को जांच के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वीडियो सामने आने के बाद इस मामले में पूरी जांच की जाएगी और जल्द ही रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी को पूरे मामले की जांच करने और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

यह घटना न केवल शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनी है, बल्कि समाज में भी एक गंभीर बहस छेड़ दी है। इस घटना में दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप और प्रशासनिक जांच के परिणाम पर भविष्य में महत्वपूर्ण सवाल उठ सकते हैं। शिक्षा विभाग को इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और समानता तथा अनुशासन बनाए रखा जा सके।

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