मध्यप्रदेश के सागर जिले में देवरी थाना क्षेत्र के धुलतरा गांव की रात दर्दनाक चीखों से कांप उठी। जिस घर में सुबह तक परिवार था, वहां रात होते ही मातम का सन्नाटा छा गया। पैसों को लेकर हुए विवाद ने रिश्तों की सबसे मजबूत डोर को तोड़ दिया। बेटे ने सब्बल से वार कर अपने माता-पिता की हत्या कर दी।
वारदात के बाद वह वहीं, लाशों के पास बैठा रहा। जैसे उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि उसने क्या कर डाला। पड़ोसी चीखों से जागे, पहुंचे और जो देखा, उसका असर शायद उम्रभर उनकी आंखों से न जाए।

मौत का वह लम्हा
मृतक गणेश सेन (55) और उनकी पत्नी शांतिबाई सेन (52), टिकरिया चौराहे के पास रहते थे। रात करीब समय जब यह घटना हुई, घर में उनके छोटे बेटे शिवराज सेन का गुस्सा बवंडर बनकर उठा। पिता गणेश मकान निर्माण करा रहे थे। शिवराज ने पैसे मांगे, तर्क दिए कि वह भी काम में हाथ बंटा रहा है, उसे हक मिलना चाहिए।
लेकिन बातों की आग भड़की और देखते ही देखते सब्बल उठ गया। पहले पिता गिरे, फिर मां ने बचाने की कोशिश की, और वो भी वही किस्मत ले बैठीं। परिवार टूट गया, और गांव में भय का साया फैल गया।

सड़क पर पड़े शव, गांव में खामोशी
सूचना मिलने पर देवरी एसडीओपी शशिकांत सरयाम और थाना प्रभारी गजेन्द्र सिंह बुंदेला मौके पर पहुंचे। दंपती के शव घर के बाहर सड़क पर पड़े थे। पुलिस ने पंचनामा किया और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
आरोपी बेटे शिवराज को मौके से गिरफ्तार किया गया। वह वहीं, निर्जीव माता-पिता के सामने बैठा मिला, शायद समझ रहा था कि दांव उसने जीत लिया, जबकि असल में उसने जीवन ही हार दिया।
पड़ोसियों की दहशत
पड़ोसियों का कहना है कि चीखों की आवाज आई तो वे दौड़े, लेकिन सामने ऐसा दृश्य था जिसे किसी भी आंख ने देखने के लिए नहीं माँगा। उन्होंने तुरंत डायल 112 पर सूचना दी।

पुलिस ने शुरू की जांच
टीआई बुंदेला ने बताया कि मकान निर्माण के पैसे को लेकर पहले बहस हुई और फिर हत्या। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है।
एक परिवार, दो जनाजे और एक जिंदगी बर्बाद
यह सिर्फ हत्या नहीं, टूटे हुए धैर्य और असफल संवाद की कहानी है। ग़ुस्सा एक क्षण का होता है, पर उसकी सजा अक्सर जीवनभर चलती है। गांव में अब केवल फुसफुसाहटें हैं और इस बात का डर कि इंसानी रिश्ते अगर समझदारी से न संभाले जाएं तो कितने नाजुक हो जाते हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट रिपब्लिक सागर मीडिया !
संवाददाता – अर्पित सेन
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