सागर जिले में पत्रकार मुकुल शुक्ला के साथ खनिज अधिकारी अनित पंड्या द्वारा की गई अभद्रता का मामला अब व्यापक विरोध का कारण बन गया है। यह घटना 5 मार्च को हुई थी, जब पत्रकार मुकुल शुक्ला और खनिज अधिकारी अनित पंड्या के बीच विवाद हुआ था। पंड्या ने पत्रकार के साथ गाली-गलौज की और उनका मोबाइल छीन लिया था, जिसे लेकर पूरे जिले में आक्रोश फैल गया था। इसके बाद से सागर जिले के पत्रकारों ने प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली।

मुकुल शुक्ला के साथ हुए इस दुर्व्यवहार के बाद से सागर में पत्रकारों के बीच गहरी निराशा और गुस्सा व्याप्त था। पत्रकारों का आरोप है कि प्रशासन ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई और लगातार उनकी मांगों की अनदेखी की। पहले, सागर जिले के चार विधायकों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की उचित जांच की मांग की थी। हालांकि, इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली। वही इस प्रशासनिक रवैये ने पत्रकारों को और भी आक्रोशित कर दिया।

पत्रकारों की बढ़ती नाराजगी और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ आज पूरे सागर जिले से 8 से 10 संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और पत्रकार मुकुल शुक्ला को न्याय दिलाने की मांग की। इस प्रदर्शन में भीम आर्मी, ब्राह्मण समाज संगठन, स्वर्णकार समाज संगठन, क्षत्रिय समाज संगठन, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी, कुशवाहा समाज संगठन, साहू समाज, यादव समाज, जिला व्यापारी संघ, बस एसोसिएशन, जिला सहकारी समिति समेत अन्य कई संगठन शामिल हुए।

तो वही सागर जिले के पत्रकारों ने आज सामूहिक रूप से प्रदर्शन करते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति के सामने जाकर ज्ञापन की माला उनको सौंपी । इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले संगठनों का उद्देश्य पत्रकार मुकुल शुक्ला को न्याय दिलाना था और यह सुनिश्चित करना था कि भविष्य में पत्रकारों के साथ इस तरह की अभद्रता न हो। पत्रकारों ने इस घटना के खिलाफ एकजुट होकर प्रशासन को यह संदेश दिया कि वे किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही, विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में अपनी आवाज उठाई और पत्रकारों के साथ खड़े होने का संकल्प लिया।

तो वही आज के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि जब पत्रकार और समाज के लोग एकजुट होते हैं, तो वे प्रशासन पर दबाव बनाने में सफल हो सकते हैं। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाता है। व्यूरो रिपोर्ट रिपब्लिक सागर मीडिया