सागर,
सागर जिले में आज सामाजिक सरोकारों से जुड़े दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। एक ओर जहां बाल श्रम जैसी सामाजिक बुराई के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई, वहीं दूसरी ओर अशिक्षित वयस्कों के लिए प्रौढ़ शिक्षा के अंतर्गत विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर जागरूकता कार्यशाला
प्रत्येक वर्ष 12 जून को “अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सागर संभागीय कार्यालय, सहायक श्रमायुक्त द्वारा एक जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में वक्ताओं ने बाल श्रम को बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में सबसे बड़ी बाधा बताते हुए इसके दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला।

यह दिवस समाज को बाल श्रम के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है। वक्ताओं ने कहा कि बच्चों से श्रम करवाना केवल शोषण नहीं, बल्कि उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन है। कार्यशाला के दौरान आमजन से अपील की गई कि यदि कहीं भी बाल श्रम की जानकारी मिलती है, तो वे संबंधित थाना, महिला एवं बाल विकास विभाग या श्रम विभाग (फोन नंबर: 07582-236681) से संपर्क कर इसकी सूचना दें।
क्रमांक: 89/1659/2025
प्रौढ़ शिक्षा के अंतर्गत ‘उल्लास नव भारत साक्षरता अभियान’ का प्रशिक्षण शिविर
इसी दिन अशिक्षा के विरुद्ध लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अशोक बिहार कॉलोनी स्थित अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन कार्यालय में विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर नव भारत साक्षरता अभियान के अंतर्गत आयोजित किया गया जिसमें 15 वर्ष से अधिक आयु के अशिक्षित वयस्कों को साक्षर बनाने हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

राज्य शिविर केंद्र से आए अधिकारी श्री सौरभ जैन ने बताया कि कैसे असाक्षर व्यक्तियों की जानकारी एनआईएलपी (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy) ऐप में फीड की जाए। ब्लॉक समन्वयक श्रीमती प्रतिभा तिवारी ने बताया कि इन व्यक्तियों को पढ़ना, लिखना और गणना करना किस तरह सिखाया जा सकता है।
शिविर में उपस्थित शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता, वित्तीय जागरूकता, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कानूनी जानकारी और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रौढ़ शिक्षा शिविर अधिकारी श्री प्रशांत तिवारी, बीआरसी श्री अनिरुद्ध डिम्हा, मास्टर ट्रेनर डॉ. शैलेन्द्र बादल, विकासखण्ड सह समन्वयक जैसीनगर सहित सभी संकुल सह समन्वयक व जन शिक्षकगण उपस्थित रहे।

शिविर में विशेष जोर इस बात पर रहा कि किस प्रकार से जनशिक्षकों को फील्ड सर्वे के दौरान आने वाली व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करना चाहिए। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को प्रौढ़ शिक्षा के तहत समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक साक्षरता की रोशनी पहुंचाने के लिए प्रेरित किया गया।