सागर, मध्यप्रदेश।
बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों के लिए एक सुखद समाचार सामने आया है। बीना नदी पर आधारित बहुप्रतीक्षित सिंचाई परियोजनाओं – हनौता और उल्दन बांध के निर्माण कार्य की पूर्णता की तिथि अब निश्चित हो गई है। यह जानकारी मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने दी। यह जवाब उन्होंने पूर्व गृहमंत्री एवं खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न के जवाब में दिया।

हनौता बांध: मार्च 2026 तक पूर्णता का लक्ष्य
खुरई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली हनौता सिंचाई परियोजना के बांध का निर्माण कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इस परियोजना की यूनिट-2 का निर्माण कार्य जून 2026 तक समाप्त किए जाने की योजना है। यह परियोजना बीना नदी सिंचाई योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके पूर्ण होते ही खुरई विकासखंड के दर्जनों गांवों की कृषि भूमि को स्थायी सिंचाई सुविधा मिलेगी।
उल्दन बांध परियोजना: दिसंबर 2025 तक होगा कार्य पूर्ण
विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि उल्दन बांध परियोजना का मुख्य बांध निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा जबकि इसकी यूनिट-2 दिसंबर 2026 तक बनकर तैयार होगी। इस परियोजना का लाभ मुख्य रूप से मालथौन विकासखंड के किसानों को मिलेगा, जो लंबे समय से सिंचाई जल संकट से जूझ रहे हैं।
चकरपुर बांध का कार्य पूर्ण, अब लाभ मिलने की उम्मीद
इसी तारतम्य में मंत्री श्री सिलावट ने यह भी जानकारी दी कि चकरपुर बांध परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है और बहुत जल्द इसकी सिंचाई सुविधाओं का लाभ भी क्षेत्रीय किसानों को मिलने लगेगा। चकरपुर और हनौता बांध, दोनों खुरई विकासखंड की कृषि व्यवस्था को एक नया जीवन देने वाले साबित होंगे।
नल जल योजनाओं को मिलेगा जल स्रोत
विशेष बात यह है कि इन सिंचाई परियोजनाओं से केवल कृषि क्षेत्र को ही लाभ नहीं होगा, बल्कि जल जीवन मिशन के तहत चल रही एकल नल-जल योजनाओं को भी इन बांधों के जल से मुख्य स्रोत के रूप में मदद मिलेगी। इससे ग्रामीण पेयजल संकट को भी दूर करने में सफलता मिलेगी।
भूपेन्द्र सिंह का प्रयास लाया रंग
पूर्व गृहमंत्री और खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने इन सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति और किसानों को मिलने वाले लाभों के संबंध में विधानसभा में निरंतर प्रयास किए हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की दिशा में गंभीर पहल की कि बुंदेलखंड के किसानों को समय पर सिंचाई जल मिल सके और क्षेत्र की निर्भरता मानसून पर कम हो।
उन्होंने कहा, “मैंने सदन में इन परियोजनाओं की प्रगति के बारे में स्पष्ट उत्तर मांगा, ताकि क्षेत्र के किसान जान सकें कि उन्हें कब स्थायी राहत मिलने जा रही है। मुझे प्रसन्नता है कि सरकार ने इन परियोजनाओं की पूर्णता के स्पष्ट समयबद्ध लक्ष्य दिए हैं।”
बुंदेलखंड के किसानों को मिलेगा स्थायी लाभ
इन परियोजनाओं के पूर्ण होते ही बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को वर्ष भर सिंचाई जल की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी फसल की गुणवत्ता, उत्पादकता और आय में वृद्धि होगी। यह क्षेत्र वर्षों से जल संकट और अस्थायी सिंचाई संसाधनों से जूझता आया है, ऐसे में ये परियोजनाएं बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित होंगी।
सरकार का उद्देश्य – हर खेत तक पानी
वर्तमान भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट की मंशा है कि प्रदेश का हर किसान सिंचित खेती कर सके। इसके लिए राज्य सरकार बड़े पैमाने पर सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
हनौता, उल्दन और चकरपुर जैसे बांधों की योजनाबद्ध पूर्णता न केवल खुरई और मालथौन क्षेत्र के किसानों के लिए राहत लेकर आएगी, बल्कि यह मध्यप्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास और जल प्रबंधन के प्रति संकल्पबद्ध प्रयासों का भी प्रमाण है। यह भी दर्शाता है कि जब जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सक्रियता से करते हैं, तो क्षेत्र की समस्याएं प्राथमिकता में आती हैं और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठते हैं।