सागर, 14 सितंबर 2025।
जिले के बंडा विकासखंड में 12 से 13 सितंबर तक आयोजित आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत विकासखंड स्तरीय प्रोसेस लैब का सफल समापन हुआ। इस दो दिवसीय आयोजन का संचालन अनुविभागीय अधिकारी के मार्गदर्शन में तहसीलदार श्री मोहित जैन ने किया। कार्यक्रम में ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स सहित सुपर कोच डॉ. दीपेश जैन विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

जनजातीय विकास पर संवेदनशीलता का संदेश
शुभारंभ अवसर पर तहसीलदार श्री मोहित जैन ने कहा कि जनजातीय एवं पिछड़े वर्गों के समग्र विकास के लिए सभी विभागों को संवेदनशीलता और समर्पण के साथ कार्य करना होगा, ताकि अंतिम छोर तक बैठे गरीब और असहाय वर्ग को शासकीय योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ मिल सके।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, जनजातीय विकास, जल जीवन मिशन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास समेत कई विभागों के प्रतिनिधियों ने सहभागिता की और अपने अनुभव, विचार एवं भावनाएं साझा कीं।
जनजातीय समुदाय के ‘जल-जंगल-जमीन’ पर जोर
सुपर कोच व मेडिकल ऑफिसर डॉ. दीपेश कुमार जैन ने कहा कि जनजातीय समुदाय का वास्तविक विकास तभी संभव है जब उनकी जल-जंगल-जमीन, संस्कृति और रीतिरिवाज़ों का संरक्षण करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि इस लैब में अधिकारियों ने योजनाओं की प्रस्तुति के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं से जुड़कर समानुभूति, ईमानदारी, निष्ठा और मानवता को आत्मसात करने का प्रयास किया।
पहले दिन की गतिविधियाँ: नया दृष्टिकोण और आत्ममंथन
कार्यक्रम के पहले दिन की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन से हुई। सभी प्रतिभागियों ने अपनी पहचान छोड़कर एक आम नागरिक के रूप में इस यात्रा की शुरुआत की।
- टीम गतिविधियाँ – रस्सी में गांठ बांधना, फिश बाउल चर्चा, बाज की प्रेरक कथा और टीम गेम्स के जरिए टीमवर्क और व्यवहार परिवर्तन का संदेश दिया गया।
- आत्ममंथन – विभागीय योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण के दौरान प्रतिभागियों ने खुले मन से बताया कि किस योजना पर उन्हें गर्व है और किस पर नहीं। यह सच्चे आत्ममंथन की शुरुआत रही।
दूसरे दिन की गतिविधियाँ: ग्राम स्तरीय योजनाओं पर फोकस
दूसरे दिन कार्यक्रम का स्वरूप और भी गहन रहा।
- ग्राम स्तरीय कार्ययोजना निर्माण पर चर्चा की गई।
- ट्रांजैक्ट वॉक और आदि सेवा केंद्र के निर्माण की अवधारणा प्रस्तुत की गई।
- आदिवासी समुदाय की वास्तविक मांगों और समस्याओं को सुना गया और उनके निराकरण के उपायों पर विचार किया गया।
मास्टर ट्रेनर्स की सक्रिय भूमिका
इस दो दिवसीय लैब में विभिन्न विभागों के मास्टर ट्रेनर्स ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख रूप से –
- नीतू कोरी – महिला एवं बाल विकास विभाग
- मनोज पटेल – स्वास्थ्य विभाग
- किरण लारिया – पीएचई विभाग
- दशरथ वर्मा – पंचायत विभाग
- सुरेश अहिरवार – वन विभाग
इन अधिकारियों ने क्षेत्रीय जरूरतों और व्यावहारिक समस्याओं को सामने रखते हुए ठोस सुझाव दिए।
समापन संदेश
बंडा विकासखंड में आयोजित यह BPL प्रोसेस लैब केवल एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं बल्कि जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरक यात्रा साबित हुई। इसने यह संदेश दिया कि जब सभी विभाग मिलकर समानुभूति और जनभागीदारी की भावना के साथ कार्य करते हैं, तभी विकास की असली रोशनी अंतिम व्यक्ति तक पहुँचती है।