सागर जिले के ग्राम हिलगन में एक जमीनी विवाद के चलते हुई मारपीट में महिला की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ गया है। मृतका के परिवार ने सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की और आरोप लगाया कि डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी की है। परिवार के मुताबिक, महिला की मौत मारपीट में आई चोटों के कारण हुई थी, लेकिन डॉक्टर ने उसे जहर खाने का कारण बताया और रिपोर्ट बदल दी।

मामले का विवरण
1 फरवरी को ग्राम हिलगन में विवादित ज़मीन की नपती कराई गई थी। इस दौरान दो पक्षों के बीच विवाद हुआ और मारपीट हुई। इस मारपीट में मायारानी उर्फ दशोदा पाल (50 वर्ष) और हीरालाल पाल घायल हुए थे। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान 2 फरवरी को मायारानी उर्फ दशोदा पाल की मौत हो गई।
मृतका के परिवारवालों का आरोप है कि मारपीट में आई चोटों के कारण महिला की मौत हुई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसे जहर खाने के कारण मौत होने की बात लिखी गई। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने पोस्टमार्टम के दौरान पैसे की मांग की थी, और पैसे न मिलने पर रिपोर्ट में बदलाव कर दिया।
परिवार की शिकायत
मृतका के बेटे रतन पाल ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने जानबूझकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बदलाव किया। रतन ने यह भी आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर ने उनसे पैसे की मांग की थी। जब पैसे नहीं दिए गए, तो डॉक्टर ने रिपोर्ट को बदलकर महिला की मौत का कारण जहर को बता दिया, जबकि असल में यह मौत मारपीट की वजह से हुई थी। रतन पाल ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।
पुलिस का बयान और डॉक्टर की सफाई
घटना के बाद सागर पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज की। डीएसपी मयंक सिंह ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया और कहा कि नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, जिला अस्पताल के डॉक्टर अजय यादव ने मृतका के परिवार के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को महिला का पोस्टमार्टम किया गया था और रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई थी। डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि बिसरा (शरीर के अंग) की जांच के लिए एफएसएल भेजी गई है और रिपोर्ट में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया है। डॉक्टर के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर खुरानी लग रहा है, न कि मारपीट के कारण।

मामले का पूरा संदर्भ
मृतका के परिवार ने बताया कि 1 फरवरी को मायारानी उर्फ दशोदा पाल अपने पोते ब्रजेंद्र पाल के साथ खेत पर थी। खेत में नपती कराई गई थी और चूना डाला गया था। परिवार के सदस्य हरप्रसाद ने खेत में नपती कराई, जिससे मायारानी के चाचा हीरालाल को आपत्ति हुई। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ। इस दौरान हरप्रसाद और प्रहलाद ने हीरालाल पर कुल्हाड़ी से हमला किया, जबकि मायारानी ने बीच-बचाव किया तो उसे भी सिर पर डंडा मार दिया गया। इसके बाद गांव के कुछ लोग भी मौके पर पहुंचे और मारपीट की। घायल मायारानी और हीरालाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मायारानी की मौत हो गई।
कार्रवाई और जांच
सागर पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बिसरा की जांच और अन्य साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने एसपी कार्यालय में जाकर पुलिस से न्याय की मांग की है।
डीएसपी मयंक सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ध्यान से देखा जाएगा। एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा। यदि यह हत्या या मारपीट का मामला होता है, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला सागर जिले में एक महिला की संदिग्ध मौत से जुड़ा हुआ है, जो कि जमीनी विवाद के कारण हुई मारपीट के बाद हुई। मृतका के परिवार का आरोप है कि डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी की है और उनकी मां की मौत के कारण को बदल दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच, मृतका के परिवार के लोग न्याय की मांग करते हुए कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।
यह मामला एक बार फिर से यह सवाल उठाता है कि क्या हमारे स्वास्थ्य और कानूनी तंत्र में सुधार की आवश्यकता नहीं है, ताकि इस तरह की घटनाएं रोकने में मदद मिल सके।