सागर, 13 मई 2025
कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. की अध्यक्षता में जिले के उन शासकीय विद्यालयों की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जहाँ हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा 2025 का परिणाम 50% से कम रहा। बैठक में 30 हाई स्कूल और 14 हायर सेकेंडरी स्कूलों के प्राचार्यों को शैक्षणिक सुधार के लिए कड़े निर्देश दिए गए।

प्रमुख निर्देश एवं कार्ययोजना
1. द्वितीय परीक्षा में 100% उपस्थिति सुनिश्चित करने के उपाय
- कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जून 2025 में होने वाली द्वितीय अवसर परीक्षा में अनुत्तीर्ण सभी विद्यार्थियों को शामिल करवाया जाए।
- भौतिक सत्यापन: शिक्षकों को विद्यार्थियों और अभिभावकों से हस्ताक्षरित पुष्टि लेनी होगी कि उन्हें परीक्षा की तिथि व प्रक्रिया की जानकारी दी गई है।
- जवाबदेही: यदि परीक्षा परिणाम में सुधार नहीं होता है, तो संबंधित शिक्षकों/प्राचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

2. कमजोर विषयों पर विशेष ध्यान
- गणित एवं अंग्रेजी जैसे विषयों में खराब प्रदर्शन को देखते हुए:
- विशेष कक्षाएँ आयोजित करने के निर्देश।
- प्राचार्यों को स्वयं मोबाइल ऐप्स और YouTube के माध्यम से अंग्रेजी सीखने को कहा गया, ताकि वे विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन दे सकें।
- उच्च अंक प्राप्त छात्रों को विद्यालय बुलाकर मोटिवेशनल सेशन आयोजित करने का आदेश।
3. विद्यालयवार समीक्षा एवं चेतावनी
- शासकीय हाईस्कूल कुमरोल जहाँ 24 में से केवल 1 छात्र उत्तीर्ण हुआ, पर कलेक्टर ने गंभीर असंतोष व्यक्त किया। 23 अनुत्तीर्ण छात्रों को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर कारणों का विश्लेषण करने को कहा गया।
- देवरी, रसेना, गौरझामर, बिजौरा, जैतपुर कछया, हिरनखेड़ा, छिरारी, उर्दू परकोटा, अनंतपुरा, उमरा एवं काछी पिपरिया रहली के प्राचार्यों से वन-टू-वन चर्चा कर उनकी कार्ययोजना माँगी गई।
- देवरी विकासखंड के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे 50% से कम परिणाम वाले सभी विद्यालयों की नियमित मॉनिटरिंग करें।

4. बुनियादी चुनौतियों का समाधान
- भवन एवं कक्षाओं की कमी की शिकायत पर कलेक्टर ने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध शासकीय भवनों को अस्थायी कक्षाओं के रूप में उपयोग किया जाए।
- छात्रों की अनुपस्थिति एवं पलायन की समस्या के लिए:
- पलायन करने वाले बच्चों की सूची बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी को भेजने का आदेश, ताकि उन्हें नए स्थान पर शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके।
शैक्षणिक सुधार के लिए नवाचारी दृष्टिकोण
- व्यावहारिक ज्ञान पर जोर: विद्यार्थियों को बचत, डेबिट/क्रेडिट कार्ड का उपयोग, और रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान सिखाने के निर्देश।
- डिजिटल लर्निंग: YouTube और अन्य मुफ्त शैक्षणिक प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर इंटरएक्टिव शिक्षण को बढ़ावा देने की सलाह।

कलेक्टर का संदेश
कलेक्टर श्री संदीप जी. आर. ने शिक्षकों को याद दिलाया कि “बच्चों को शिक्षित करना केवल नौकरी नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का दायित्व है। अनुत्तीर्ण छात्र गलत राह पकड़ सकते हैं, इसलिए हमें उन्हें संस्कारवान नागरिक बनाना होगा।”
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी
- पुलिस अधीक्षक श्री विकास शाहवाल
- जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविंद कुमार जैन
- अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक श्री अभय श्रीवास्तव
- संबंधित विद्यालयों के प्राचार्यगण
इस समीक्षा बैठक के माध्यम से जिला प्रशासन ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। द्वितीय परीक्षा में सुधार न होने पर जवाबदेही तय करना और डिजिटल शिक्षण को प्रोत्साहन देना इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं। आगामी समय में इन उपायों के सकारात्मक परिणाम की अपेक्षा की जा रही है।
ब्यूरो रिपोर्ट रिपब्लिक सागर मीडिया !
संवाददाता – अर्पित सेन
7806077338, 9109619237