
सागर, 26 अगस्त 2025 – कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मंगलवार को आगामी धार्मिक त्योहारों की तैयारियों को लेकर जिला शांति एवं सद्भावना समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि सभी धार्मिक त्यौहारों को हमेशा की तरह आपसी सौहार्द, भाईचारे और शांति के साथ मनाया जाए।

👉 मूर्ति स्थापना और विसर्जन की व्यवस्था
- बैठक में निर्णय लिया गया कि मिट्टी की मूर्तियों को ही स्थापित किया जाए।
- लाखा बंजारा झील में मूर्तियों का विसर्जन नहीं होगा। केवल चकरा घाट पर नगर निगम द्वारा मूर्तियां एकत्र कर चितौरा नदी में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद विसर्जन किया जाएगा।
- सभी विसर्जन स्थलों पर गोता खोर, नाव, सुरक्षा संसाधन और हाइड्रोलिक मशीनें तैनात की जाएंगी।

👉 आयोजन समितियों के लिए दिशा-निर्देश
- धार्मिक शोभायात्राओं, चल समारोहों और आयोजनों में कानून व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए।
- आयोजन समिति के सदस्य रात में गणेश मूर्ति स्थल पर रुकें और सुरक्षा के साथ सहयोग करें।
- झांकियों को बहुत ऊँचा न बनाएं तथा बिजली के तारों से पर्याप्त दूरी रखें।
- प्रत्येक मूर्ति स्थल पर रजिस्टर रखा जाएगा, जिस पर रात्रि गश्त के दौरान पुलिसकर्मी अपनी टिप्पणी दर्ज करेंगे।

👉 पर्यावरण और स्वच्छता पर जोर
अपर कलेक्टर अविनाश रावत ने कहा कि त्योहारों में प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न किया जाए। इसके स्थान पर ईको-फ्रेंडली सामग्री (दोना, पत्तल आदि) का इस्तेमाल करें।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा विद्युत आपूर्ति, स्ट्रीट लाइट, पेयजल, सड़क मरम्मत और यातायात व्यवस्था सहित नगर निगम की अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जाएंगी।
👉 पुलिस प्रशासन की अपील
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा ने कहा कि धार्मिक त्योहारों में पुलिस का सहयोग करें और कानून व्यवस्था का पालन करें।
- सभी धार्मिक संगठनों को अपने पदाधिकारियों और सदस्यों की सूची व मोबाइल नंबर संबंधित थाना प्रभारी को उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
- सभी चल समारोहों की वीडियो निगरानी की जाएगी।
- वालेंटियर्स भी प्रशासन का सहयोग करते हुए व्यवस्था बनाए रखें।
👉 बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में नगर निगम उपायुक्त एस.एस. बघेल, संयुक्त कलेक्टर आरती यादव, सागर एसडीएम अदिति यादव, नगर पुलिस अधीक्षक ललित कश्यप सहित जिला शांति समिति के सदस्य एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
📌 सागर जिला प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि “त्योहार उल्लास के साथ मनाए जाएं, लेकिन शांति, भाईचारे और नियमों के पालन से किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”