दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024: आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों का खंडन !

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राजनीतिक माहौल: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर लगातार चर्चा हो रही थी। बुधवार को यह खबर आई थी कि AAP दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटें देने पर विचार कर रही है। हालांकि, AAP के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं ने इन चर्चाओं को सिरे से नकारते हुए कहा कि पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी, और कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं किया जाएगा।

अरविंद केजरीवाल का बयान: अरविंद केजरीवाल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने बल पर लड़ेगी। कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।” उनके इस बयान ने उन तमाम अटकलों को खारिज कर दिया जो गठबंधन को लेकर चल रही थीं। केजरीवाल का यह स्पष्ट संदेश था कि पार्टी किसी भी प्रकार की साझेदारी के बजाय अपनी राजनीतिक ताकत और संगठनात्मक क्षमता के आधार पर चुनाव लड़ेगी।

राघव चड्ढा का बयान: राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “दिल्ली विधानसभा चुनाव आम आदमी पार्टी अपने संगठन और राजनीतिक बलबूते पर लड़ेगी। कांग्रेस और AAP के बीच किसी प्रकार का गठबंधन नहीं है।” राघव चड्ढा ने इस बात पर जोर दिया कि AAP पिछले तीन दिल्ली चुनाव अपने दम पर लड़ी है और प्रत्येक बार पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है, जिस पर वह गर्व करती है।

AAP के टिकट वितरण का नयापन: दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, AAP ने अब तक 31 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 2020 में AAP के जिन 27 विधायकों ने जीत हासिल की थी, उनमें से 24 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। AAP ने इस बार 89% विधायकों का टिकट बदल दिया है, जो पार्टी के अंदर हुए बदलाव और नई सोच को दर्शाता है। पार्टी ने इन बदलावों के जरिए नए चेहरों को मैदान में उतारा है।

प्रत्याशी सूची और सीटों में बदलाव: AAP ने अपनी पहली सूची 21 नवंबर को जारी की थी, जिसमें 11 उम्मीदवारों के नाम थे। इन उम्मीदवारों में से कई भाजपा और कांग्रेस के पूर्व नेता हैं। इनमें भाजपा से 3 और कांग्रेस से 3 चेहरों को टिकट दिया गया है। इसके बाद 4 दिसंबर को पार्टी ने अपनी दूसरी सूची जारी की, जिसमें 20 उम्मीदवारों का ऐलान किया। इसमें से 17 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं, जबकि 3 प्रत्याशियों की सीटें बदल दी गई हैं। उदाहरण के तौर पर, मनीष सिसोदिया को जंगीपुरा से टिकट दिया गया है, जबकि राखी बिडलान को मादीपुर सीट दी गई है। साथ ही, हाल ही में पार्टी में शामिल हुए अवध ओझा को पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला है।

भविष्य की राजनीति: दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP के नेतृत्व में जारी इस संगठनात्मक बदलाव को एक नई दिशा देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी अपने पुराने चेहरों के मुकाबले नए और युवा नेताओं को बढ़ावा दे रही है, जिससे उसकी चुनावी रणनीति में एक नयापन देखने को मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस से गठबंधन की अटकलों का खंडन करते हुए, AAP यह संदेश देने में सफल रही है कि वह पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

कांग्रेस और भाजपा का रुख: इस बीच कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल AAP की इस रणनीति को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। जहां कांग्रेस को गठबंधन की संभावना खत्म होने से झटका लगा है, वहीं भाजपा ने इस चुनावी सत्र में अपनी रणनीतियों को धार देने के लिए विपक्ष के दलों को लगातार निशाने पर लिया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने मुद्दों के साथ दिल्ली चुनाव में ताकत लगाने की कोशिश में हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन में नहीं रहेगी। पार्टी अपनी पूरी ताकत और संगठन के दम पर चुनाव लड़ने का इरादा रखती है। इस चुनाव में न केवल AAP की रणनीति महत्वपूर्ण होगी, बल्कि यह कांग्रेस और भाजपा के लिए भी एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ साबित हो सकता है।

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