हादसे का विवरण: मुंबई के कुर्ला क्षेत्र में 9 दिसंबर को हुई एक भयानक बस दुर्घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) की एक इलेक्ट्रिक बस ने कई वाहनों को टक्कर मारी, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई और 49 लोग घायल हुए। घायलों को सायन और कुर्ला भाभा अस्पताल में भर्ती किया गया है। हादसा कुर्ला पश्चिम रेलवे स्टेशन रोड पर अंबेडकर नगर में हुआ, जब बस कुर्ला स्टेशन से अंधेरी की ओर जा रही थी।

ड्राइवर संजय मोरे की भूमिका: दुर्घटना के बाद पुलिस ने बस के ड्राइवर संजय मोरे (54) को गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार को उसे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया। पुलिस का मानना है कि संजय ने बस को जानबूझकर हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और हादसा किया। इसके बावजूद पुलिस ने मामले की गहराई से जांच करने का फैसला लिया है कि कहीं यह हादसा इरादतन तो नहीं था। फिलहाल, ड्राइवर पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
यह भी बताया गया है कि संजय मोरे ने 1 दिसंबर को ही कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर के रूप में BEST में शामिल हुआ था और यह उसकी पहली बार थी जब वह बस चला रहा था। संजय ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया कि वह बस के ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के बारे में कन्फ्यूज था, जिससे वह सही से बस नियंत्रित नहीं कर पाया और दुर्घटना हो गई।

घटनास्थल पर चश्मदीद गवाह: चश्मदीद गवाह जैद अहमद ने घटना के बारे में बताया कि जब बस हादसा हुआ, तब वह रेलवे स्टेशन जाने के लिए घर से निकल रहे थे। उन्होंने देखा कि बस तेज गति से लहरा रही थी। जैद ने दौड़कर घटनास्थल पर पहुंचकर देखा कि बस ने पैदल यात्रियों, ऑटो रिक्शा और तीन कारों को टक्कर मारी। इसके बाद उन्होंने तुरंत ऑटो रिक्शा में सवार घायलों को भाभा अस्पताल पहुंचाया और मदद की।
बस की तकनीकी स्थिति और जांच: इस हादसे में जिस बस का इस्तेमाल किया गया, वह एक 12 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बस थी, जिसे ओलेक्ट्रा द्वारा निर्मित किया गया था। बस सिर्फ तीन महीने पुरानी थी और बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) ने इसे वेट लीज पर लिया था। RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि बस को इस साल 20 अगस्त को EVEY ट्रांस नामक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड किया गया था। हादसे के बाद, RTO की टीम ने बस की तकनीकी जांच की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि दुर्घटना के समय बस में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं थी।

विभागीय जांच और सरकारी प्रतिक्रिया: मुंबई पुलिस और RTO की टीम ने घटना के सभी पहलुओं की गहनता से जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या हादसा ड्राइवर की गलती थी या फिर कोई अन्य कारण था। इसके अलावा, पुलिस यह भी देख रही है कि कहीं बस के संचालन में कोई तकनीकी गड़बड़ी तो नहीं थी।
राज्य सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 5-5 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। इस दुर्घटना ने जनता के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है, खासकर जब से यह जानकारी सामने आई कि ड्राइवर ने पहली बार बस चलाने के बाद यह हादसा किया था।
पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया: पुलिस ने आरोपी ड्राइवर संजय मोरे को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट में ड्राइवर ने अपना बयान दर्ज किया है और पुलिस ने इसे आधार बनाकर जांच को आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। हालांकि, पुलिस और विभागीय अधिकारियों ने अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, और जल्द ही जांच के परिणाम सामने आ सकते हैं।
कुर्ला बस हादसा एक बड़ी और गंभीर घटना है, जिसमें कई लोगों की जान गई है और कई लोग घायल हुए हैं। फिलहाल, पुलिस और विभागीय जांच टीम यह पता लगाने में जुटी है कि इस हादसे की असल वजह क्या थी। क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी या ड्राइवर ने जानबूझकर यह हादसा अंजाम दिया? इसके जवाब का पता आने वाले दिनों में जांच के बाद ही चल सकेगा, लेकिन इस हादसे ने मुंबई में सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।