सागर, 11 दिसंबर 2024 – सागर स्थित ई.एफ.ए. पं. रविशंकर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गीता जयंती का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में श्लोक पाठ, निबंध लेखन, भाषण और गीता क्विज जैसी प्रतियोगिताओं में विद्यालय की 321 छात्राओं ने भाग लिया और गीता के महत्व को समझने का अवसर प्राप्त किया।

गीता महोत्सव का आयोजन
गीता महोत्सव के तहत विद्यालय में 26 नवम्बर से 29 नवम्बर तक गीता क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में कक्षा 9वीं से लेकर कक्षा 12वीं तक की छात्राओं ने भाग लिया। कक्षा 9वीं से 47, कक्षा 10वीं से 72, कक्षा 11वीं से 96 और कक्षा 12वीं से 106 छात्राओं ने इस क्विज में हिस्सा लिया, कुल मिलाकर 321 छात्राओं ने इसका लाभ उठाया। इस दौरान शिक्षकों ने भी गीता महोत्सव का सीधा प्रसारण देखा और छात्राओं के साथ गीता के श्लोकों और शिक्षाओं को समझने का प्रयास किया।
श्लोक पाठ, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिता
गीता जयंती के उपलक्ष्य में विद्यालय में श्लोक पाठ, “श्वर्तमान जीवन में गीता का महत्व” विषय पर निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य छात्रों को गीता के श्लोकों को आत्मसात करने, गीता के जीवन में महत्व को समझने और अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर देना था। प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए गए और उनके प्रयासों की सराहना की गई।

गीता के महत्व पर प्राचार्य का संबोधन
कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य, डॉ. महेन्द्र प्रताप तिवारी ने गीता के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह एक कालजयी रचना है जो जीवन के हर पहलू को समझने की शक्ति प्रदान करती है। डॉ. तिवारी ने गीता को कर्तव्यपालन की परिपाटी बताते हुए कहा कि इसका आध्यात्मिक दृष्टिकोण तो है ही, साथ ही साथ इसका व्यवहारिक महत्व भी है। उनका मानना था कि यदि हम गीता के उपदेशों का पालन करें, तो हम न केवल व्यक्तिगत रूप से उन्नत हो सकते हैं, बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में हमें अर्जुन की तरह जीवन के संघर्षों को समझकर, अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए, जीवन के कुरुक्षेत्र में सफलता प्राप्त करनी चाहिए।
कार्यक्रम की प्रभारी और अन्य प्रमुख उपस्थिति
गीता क्विज प्रतियोगिता की प्रभारी डॉ. शुभा मिश्रा थीं, जिन्होंने प्रतियोगिता के संचालन और आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के दौरान श्लोकों का पाठ डॉ. ख्याति बेलापुरकर ने किया। इसके अलावा, कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं और अन्य कर्मचारियों की भी सक्रिय उपस्थिति रही, जिनमें संदीप राय, अशोक पटैल, नीरज पुरी गोस्वामी, शशांक धूपड़, रंजीता जैन, रिंकी राठौर, शोभना ढिमोले, मधुलिका जैन, मीनाक्षी पटैल और ट्विंकल ताम्रकार शामिल थे।

समापन और पुरस्कार वितरण
कार्यक्रम के समापन पर विजेता छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। उन्हें उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र और अन्य पुरस्कार दिए गए, ताकि वे आगे भी गीता के ज्ञान को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित हों। यह आयोजन विद्यालय की छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा का अवसर बन गया, जिससे उन्होंने न केवल गीता के श्लोकों को सीखा, बल्कि जीवन में उसके उपदेशों को लागू करने का संकल्प भी लिया।
गीता जयंती के अवसर पर ई.एफ.ए. पं. रविशंकर शासकीय कन्या विद्यालय द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक था। यह न केवल गीता के महत्व को समझाने का एक माध्यम था, बल्कि विद्यार्थियों को अपनी जीवनशैली में सुधार करने और अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का अवसर भी प्रदान किया गया। इस आयोजन ने गीता के आदर्शों को हर छात्रा तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें जीवन के कठिन क्षणों में मार्गदर्शन प्रदान किया।