घटना की पृष्ठभूमि: दक्षिण कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने मंगलवार देर रात हिरासत के दौरान आत्महत्या का प्रयास किया। कानून मंत्रालय के अनुसार, किम को तुरंत उपचार के लिए भेजा गया और अब उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। यह घटना सियोल स्थित डोंगबू डिटेंशन सेंटर के बाथरूम में हुई।
इस घटना के समय पुलिस की एक विशेष जांच टीम राष्ट्रपति यून सुक-योल के कार्यालय में छापेमारी कर रही थी। यह जांच राष्ट्रपति की भूमिका को लेकर हो रही है, जिन्होंने हाल ही में देश में मार्शल लॉ लगाया था।

मार्शल लॉ की पृष्ठभूमि: 3 दिसंबर 2024 को राष्ट्रपति यून सुक-योल और रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की थी। हालांकि, यह निर्णय केवल 6 घंटे तक प्रभावी रहा। इसके दो दिन बाद, किम ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया।
मार्शल लॉ के बाद विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी (DPK) ने इसे असंवैधानिक और अवैध विद्रोह कहा। राष्ट्रपति और पूर्व रक्षा मंत्री समेत नौ लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
पूर्व रक्षा मंत्री की गिरफ्तारी: पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। वह मार्शल लॉ मामले में गिरफ्तार होने वाले पहले व्यक्ति हैं। उन पर विद्रोह, अधिकारों का दुरुपयोग और अन्य गंभीर आरोप हैं।
सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी की मंजूरी देते हुए कहा कि जेल से बाहर रहते हुए वे सबूत नष्ट कर सकते हैं।

राष्ट्रपति यून पर महाभियोग प्रस्ताव: मार्शल लॉ के विवाद के बाद विपक्षी DPK ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसे पास होने के लिए 200 वोटों की आवश्यकता थी, लेकिन विपक्ष के पास केवल 192 सांसद थे।
महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले सत्ताधारी पार्टी के 108 सांसदों में से 107 ने सदन से वॉकआउट कर दिया। हालांकि, बाद में तीन सांसद वापस आ गए और प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया।
मार्शल लॉ की आवश्यकता क्यों पड़ी? 2022 के चुनाव में राष्ट्रपति यून सुक-योल मामूली अंतर से जीते थे। हालांकि, उनकी लोकप्रियता लगातार घट रही थी। उनकी पत्नी के विवादों और विपक्षी DPK के मजबूत बहुमत के कारण वे अपनी नीतियों को लागू करने में विफल रहे।
मार्शल लॉ लगाकर उन्होंने संसद और DPK की भूमिका को सीमित करने की कोशिश की, लेकिन यह निर्णय भारी विवाद का कारण बना।

आलोचना और प्रतिक्रिया:
- विपक्षी पार्टी ने इसे राष्ट्रपति का असंवैधानिक कदम बताया।
- जनता के बीच राष्ट्रपति की छवि और खराब हुई। उनकी लोकप्रियता अब 17% तक गिर चुकी है।
- राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ लगाने के लिए लाइव टीवी पर माफी मांगी, लेकिन इस्तीफे की घोषणा नहीं की।
आगे की संभावना: राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव फिर से लाया जा सकता है। विपक्ष इस विवाद को लेकर जनता का समर्थन पाने की कोशिश कर रहा है।
मार्शल लॉ विवाद ने दक्षिण कोरिया की राजनीति में बड़ा भूचाल ला दिया है। राष्ट्रपति यून की लोकप्रियता में गिरावट और विपक्षी दल की मजबूत स्थिति ने सरकार को संकट में डाल दिया है। यह घटनाक्रम दक्षिण कोरिया के संवैधानिक ढांचे और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है।